
आज 48000 रुपये जुर्माना राशि की हुई वसूली, 44 होर्डिंग बैनर, पोल , रैंप, दुकान हटाए गए। इसमें सड़क पर से अतिक्रमित संरचना को हटाया गया तथा सड़क पर आगे बढ़े दुकानों को भी हटाया गया।इस अभियान के तहत सड़क पर वाहन परिचालन में आ रही बाधाओं के तहत अस्थाई संरचना को हटाया गया। काफी संख्या में रैंप, बांस बल्ला भी हटाए गए। 28 नवंबर से 3 दिसंबर तक चला अतिक्रमण हटाओ अभियान जिसमें ₹375950 जुर्माना राशि की हुई वसूली, 2 अस्थाई संरचना, 30 अस्थाई अतिक्रमण हटाए गए। 14 सितंबर से 2019 से अब तक अतिक्रमण के विरुद्ध अभियान के तहत ₹26220350 की हुई वसूली, 165 प्राथमिकी ,1863स्थायी संरचना ,3697 अस्थाई संरचना हटाए गए। अवैध पार्किंग से 11633000 रुपए की हुई है वसूली। पाटलिपुत्र , कंकड़बाग एवं नूतन राजधानी अंचल में तीन टीमों के द्वारा चला अभियान। नूतन राजधानी अंचल के न्यू मार्केट एरिया। पाटलिपुत्र अंचल के बोरिंग रोड चौराहा से राजापुर पुल तक। कंकड़बाग अंचल के कंकड़बाग टेंपो स्टैंड से बिहार राज्य आवास बोर्ड । मलाही पकड़ी चौराहा पर रेन बसेरा के पीछे नेचर केयर फाउंडेशन तक तथा डॉक्टर्स कॉलोनी फल मंडी के पास अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई है। पटना जंक्शन के समीप मल्टी लेवल पार्किंग के पास डीएम ने खुद किया नेतृत्व। इस क्रम में जिलाधिकारी ने अधिकारियों की टीम के साथ पटना स्टेशन के समीप मल्टी लेवल पार्किंग के पास अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जिसमें अतिक्रमित सड़क को मुक्त कराया गया तथा दुकानों को भी हटाया गया। अतिक्रमण से मुक्त कराने के उपरांत खाली भूमि के समुचित उपयोग हेतु चरणबद्ध तरीके से प्लान बनाने का निर्देश दिया गया। इसके लिए नूतन राजधानी अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी को कार्य योजना तैयार कर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया। आयुक्त पटना श्री संजय कुमार अग्रवाल ने डीएम एवं एसएसपी/ एसपी को नगर निगम, जिला प्रशासन एवं पुलिस बल के बीच समन्वय स्थापित कर चरणबद्ध तरीके से अतिक्रमण अभियान को तेज करने का निर्देश दिया।
जीते-जी किंवदंती बने गरीबों के शाहजहाँ दसरथ माँझी की इकलौती बेटी लौंगिया देवी की आज सुबह अपने गाँव में मौत हो गई है।दसरथ माँझी के पुत्र भागीरथ माँझी के दामाद मिथुन माँझी ने आज सुबह मुझे यह दुःखद सन्देश भेजा है।मिथुन माँझी ने बताया कि लौंगिया माँझी के 3 पुत्र और 1 पुत्री हैं।वे सभी पास के ईंट भट्ठे से माता के अंतिम दर्शन के लिए आ रहे हैं।गरीब और पिछड़े बिहार के लिए यह आश्चर्यजनक नहीं है कि गरीबों का शाहजहाँ कहलाने वाले “माउंटेन-मैन” की इकलौती बेटी भी गरीबी और अभाव से जूझते हुए दुनियाँ को अलविदा कह गई।बिहार और भारत के लिए यह अभिशाप है कि जिस दसरथ माँझी पर केतन मेहता जैसे प्रसिद्ध निदेशक फ़िल्म बनाते हों, आमिर खान सत्यमेव -जयते को जिसे समर्पित करते हों,सोनू सूद जिसकी गरीबी खत्म करने की घोषणा करते हों,एक मुख्यमंत्री जिसे मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठा कर बड़ी खबर बनते हों, उस महान दसरथ माँझी के परिवारजनों को गरीबों से मुक्त कराना किसी की जिम्मेवारी नहीं है?